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शारदीय नवरात्रि 2025: शक्ति, श्रद्धा और साधना के 9 पावन दिन

22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि 2025 रात 1 बजकर 23 मिनट पर आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होगी। नवरात्रि 2025 में माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना,व्रत नियम,पूजा विधि और साधना के महत्व।

Navratri 2025 में माँ दुर्गा
Sardiya Navratri 2025 (cradit -Unplus)

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परिचय:

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रि 2025 का पर्व सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि शक्ति, साधना, श्रद्धा और आत्मिक शुद्धि का एक अनोखा संगम है। नवरात्रि का यह पर्व मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना से जुड़ा हुआ है। जो हमें अपने जीवन में शक्ति, ज्ञान, करुणा, साहस, शांति और धैर्य का संदेश देते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 2025 एक विशेष पर्व के रूप में मनाया जाएगा क्योंकि यह आध्यात्मिक जागरण का अवसर लेकर आ रहा है।

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🌺 नवरात्रि का महत्व


नवरात्रि का अर्थ — "नौ रातें" । यह रातें केवल भक्ति और उपवास के लिए ही नहीं होती है, बल्कि शक्ति, साधना और आत्मनिरीक्षण के लिए भी होती है।

हर दिन मां दुर्गा के एक रूप की पूजा होती है — मां दुर्गा का हर रूप हमें जीवन की किसी एक चुनौती से निपटने के लिए शक्ति और ऊर्जा देता है।

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🔱 माँ दुर्गा के नौ स्वरूप (नवदुर्गा) और उनका महत्व


दिन देवी स्वरूप प्रतीकात्मक अर्थ


1. शैलपुत्री — आरंभ, स्थिरता और आत्मविश्वास

2. ब्रह्मचारिणी — तपस्या, संयम और धैर्य

3. चंद्रघंटा — साहस और सौंदर्य

4.कूष्मांडा — सृष्टि की ऊर्जा

5. स्कंदमाता — मातृत्व और संरक्षण

6. कात्यायनी — शक्ति और युद्ध की क्षमता

7. कालरात्रि — भय से मुक्ति

8. महागौरी — शुद्धता और क्षमा

9. सिद्धिदात्री — सिद्धि और पूर्णता


देवी के इन नौ रूपों के माध्यम से साधक न केवल देवी की कृपा को पाते हैं, बल्कि अपने भीतर छुपी हुई शक्तियों को भी पहचानते हैं।

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🕯️कब शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्र? (Shardiya Navratri 2025 Date:)

हर वर्ष की भांति इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 2025 22 सितंबर से शुरू हो रही है और यह 10 दिन के होने वाले हैं। इस वर्ष 22 सितंबर को देर रात 1 बजकर 23 मिनट से आश्विन माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा की शुरुआत होगी। इसके साथ ही 2 अक्टूबर दशहरा को मां दुर्गा विसर्जन के साथ इसकी समाप्ति होगी।

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शारदीय नवरात्र 2025 तिथि लिस्ट (Kab Hogi Kis Devi Ki Puja?)


  • शैलपुत्री —      22 सितंबर 
  • ब्रह्मचारिणी — 23 सितंबर 
  • चंद्रघंटा —      24 सितंबर 
  • चंद्रघंटा —      25 सितंबर 
  • कूष्मांडा —    26 सितंबर 
  • स्कंदमाता —  27 सितंबर 
  • कात्यायनी — 28 सितंबर 
  • कालरात्रि —  29 सितंबर 
  • महागौरी —   30 सितंबर 
  • सिद्धिदात्री — 1 अक्टूबर 


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🙏 पूजा विधि और नियम (साधना और श्रद्धा का तरीका)


सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहन कर मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना करें।


दीप प्रज्वलित करें और धूप से पूजन करें।


प्रत्येक दिन एक देवी के नाम का ध्यान और मंत्र का जाप करें।


व्रत का पालन करें और सात्विक भोजन करें।


अंत में आरती करें व देवी से प्रार्थना करें।

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🧘‍♀️ साधना के लाभ (आध्यात्मिक दृष्टि से)


ऊर्जा में वृद्धि 


मानसिक संतुलन और शांति


नकारात्मक विचारों से मुक्ति


साहस और आत्मविश्वास का संचार


जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समृद्धि और संतुलन


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🍽️ व्रत के दौरान क्या खाएं? (फलाहार सुझाव)


फल और दही 


आलू की सब्जी


साबूदाना की खिचड़ी


सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बनी रोटियाँ


नारियल का पानी मखाने व मूंगफली


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🌸 नवरात्रि के 9 रंग और उनका महत्व


शारदीय नवरात्रि 2025 में हर दिन एक विशेष रंग होता है। जिसे पहनने से देवी की कृपा की प्राप्ति होती है। सभी भक्तगण इन रंगों के अनुसार अपने कपड़े और पूजन की सामग्री का चयन करते हैं। नारंगी रंग, सफेद रंग, लाल रंग, गहरा नीला रंग, पीला रंग, हरा रंग, स्लेटी रंग, बैंगनी रंग, गहरा हरा रंग नवरात्रि के 9 रंग प्रत्येक एक-एक माता को समर्पित है। इन प्रत्येक रंगों से हमें कुछ सीखने को मिलता है।


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💡 प्रेरणादायक संदेश: शक्ति आपके भीतर है

इस साल यह शारदीय नवरात्रि 2025 आप सभी के लिए एक प्रेरणादायक संदेश लेकर आ रही है। यह केवल बाहरी अनुष्ठानों का पर्व ही नहीं है, वरन् एक आत्मा की शक्ति को पहचानने का पर्व भी है। मां दुर्गा के यह सभी रूप हमें अपने सामर्थ्य की याद दिलाते हैं — बस जरूरत है उनको पहचानने,जागृत करने और स्वीकार करने की।


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📿 निष्कर्ष:

शारदीय नवरात्रि 2025 का यह पर्व आपके जीवन में शक्ति श्रद्धा और साधना की एक नई रोशनी लेकर आए — बस यही मां दुर्गा से प्रार्थना है। इस साल नवरात्रि को केवल एक परंपरा के अनुसार नहीं बल्कि एक साधना के रूप में मनाइए और अनुभव कीजिए कि अपने भीतर की शक्ति को जाने।


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