स्मृति 15 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाली एशिया की पहली महिला, ICC महिला वनडे बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर रही।मंधाना की जीवन कहानी, संघर्ष और सफलता की प्रेरक यात्रा।
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हम जब भी भारतीय महिला क्रिकेट की बात करते हैं,तो स्मृति मंधाना का नाम बहुत ही आत्मविश्वास और गर्व के साथ लिया जाता है। मंधाना का क्रिकेट के प्रति प्रेम, बल्लेबाजी की शैली और मैदान पर उनका आत्मविश्वास और भारत देश के लिए खेलने के प्रति जुनून — इन सब बातों ने इनको "क्रिकेट की रानी" बना दिया है। स्मृति का सफर केवल बल्लेबाजी और रनों तक ही नहीं है बल्कि उनकी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास का भी बहुत बड़ा योगदान है।
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- शुरुआती जीवन: एक सपना जो बचपन से जगा था
स्मिता व श्रीनिवास मंदाना के घर 18 जुलाई 1996 को स्मृति श्रीनिवास मंधाना का जन्म महाराष्ट्र(मुंबई) के सांगली शहर में हुआ। एक मध्यमवर्गीय मारवाड़ी परिवार से आने वाली स्मृति के घर में क्रिकेट का माहौल पहले से था। उनके पिता और भाई दोनों क्लब क्रिकेट खेलते थे। भाई की प्रेरणा से स्मृति ने भी बैट को ऐसा थामा की— फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
मात्र 9 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र की अंडर- 15 क्रिकेट खेलना शुरू किया और 11 साल की उम्र में महाराष्ट्र की अंडर-19 टीम में चयन हो गया। यह एक शुरुआत थी एक चमकते सितारे के उगने की।
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- करियर की शुरुआत और संघर्ष
स्मृति को पहली सफलता 2013 में मात्र 16 साल की उम्र में एकदिवसीय मैच में दोहरा शतक शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बनी। शुरुआती दौर में उनको ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी।
महिला विश्व कप 2017 में स्मृति मंधाना ने इंग्लैंड के खिलाफ धमाकेदार अर्धशतक लगाया और वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगाकर दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। भारत फाइनल मैच तो नहीं जीत पाया लेकिन स्मृति का नाम हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर आ गया था। फाइनल मैच इंग्लैंड 9 रन से जीत गई थी।
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- खास उपलब्धियाँ
2018 ICC Women’s Cricketer of the Year
2018 Women’s ODI Player of the Year
2019 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित
2023 में भारतीय महिला टीम की उप-कप्तान
WPL (Women's Premier League) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तान
मंधाना की बेहतरीन तकनीक,आक्रामकता, संतुलन व लचीलेपन के साथ बल्लेबाजी में हमेशा नंबर वन रही है। उनके द्वारा टाइमिंग और कवर्स के ऊपर से मारे गए शॉर्ट्स दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं । वह एक बायें हाथ की बल्लेबाज है।
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- स्मृति मंधाना के शतक (Century)
पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में मंधाना ने 15 शतक लगाए हैं।
ODI — 12
T20 — 1
TEST — 2
ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कप्तान मेग लेनिंग के नाम 17 शतक है। दूसरे नंबर पर भारतीय बल्लेबाज स्मृति मंधाना 15 सेंचुरी के साथ दूसरे पायदान पर है।
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- एक प्रेरणा बनती स्मृति
स्मृति मंधाना न केवल एक क्रिकेट खिलाड़ी मात्र है वरन् वह लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणा भी है जो किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने का सपना देखती हैं। उन्होंने यह साबित करके दिखाया कि अगर मेहनत निरंतर और सच्ची हो तो कोई भी सप्ताह हकीकत में बदला जा सकता है
स्मृति मंधाना सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं उन लाखों लड़कियों के लिए जो किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने का सपना देखती हैं। उन्होंने साबित किया है कि अगर लगन सच्ची हो और मेहनत निरंतर हो, तो कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है।
मीडिया के सामने वह कई बार कह चुकी है कि "मैं सिर्फ बेटियों को नहीं, बेटों को भी यह दिखाना चाहती हूं कि एक लड़की क्या कर सकती है।"
उनके सरल स्वभाव, आत्म-विश्वास ,दृढ़ संकल्प तथा मैदान पर उनकी निडरता उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक रोल मॉडल के रूप में भी प्रस्तुत करती है। "क्रिकेट की रानी" स्मृति मंधाना का प्रेरणादायक सफर यूं ही सामान्य नहीं रहा, बल्कि कठिन परिश्रमों के बल पर वह यह नाम कमा सकी।
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- भविष्य की ओर
स्मृति की बात करें तो उनका करियर बहुत सुनहरे दौर में है। ICC टूर्नामेंट्स,WPL व अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में उनका प्रदर्शन लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है। उनके फैंस को भी यह उम्मीद है कि आने वाले समय में स्मृति भारतीय महिला क्रिकेट को एक नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
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- निष्कर्ष :-
"क्रिकेट की रानी" स्मृति मंधाना का प्रेरणादायक सफर केवल रनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आत्मविश्वास से आगे बढ़ने, रूकावटों से लड़ने और लाखों लोगों को प्रेरित करने का है। उन्होंने लोगों को दिखाया है कि अगर दिल में जुनून हो, तो मैदान कोई भी हो — जीत हमारी ही होगी।
अगर आप भी स्मृति मंधाना को एक प्रेरणा के रूप में देखते हैं, अपने सपनों को सच करना चाहते हैं तो खुद पर विश्वास रखें, मेहनत करें, और कभी भी जीवन में हार ना माने।
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